Love Shayari in Hindi For Girlfriend लव शायरी प्रेमिका के लिए - हिंदी में शायरी
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बस यू ही मेरे मुस्कराने की! तुम वजह बने रहना,
जिंदगी में न सही! मगर मेरी जिंदगी बने रहना..
तुम मेरी लय बनो और मैं तेरा गीत बनूं ,
तुम मेरी प्रीत बनो और मैं तेरा मीत बनूं ।
दुख की बरसात हो या खुशियों की बेला,
तुम मेरी सरगम बनो और मैं संगीत बनूं।
मोहब्बत सूरत से नही होती
मोहब्बत तो दिल से होती है ,
सूरत उनकी खुद ब खुद अच्छी लगने लगती
जिनकी कद्र दिल में होती है..!!
मुझे किसी से मोहब्बत नही सिवा तेरे,
मुझे किसी की ज़रूरत नही सिवा तेरे,
मेरी नज़र को थी तलाश जिस की बरसों से,
किसी के पास वो सूरत नही सिवा तेरे,
जो मेरे दिल और मेरी ज़िंदगी से खेल सके,
किसी को इतनी इजाज़त नही सिवा तेरे|
तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूरसे देखते,
नज़दीक से देखने का हक बस हमारा होता|
जिंदगी में न सही! मगर मेरी जिंदगी बने रहना..
तुम मेरी लय बनो और मैं तेरा गीत बनूं ,
तुम मेरी प्रीत बनो और मैं तेरा मीत बनूं ।
दुख की बरसात हो या खुशियों की बेला,
तुम मेरी सरगम बनो और मैं संगीत बनूं।
मोहब्बत सूरत से नही होती
मोहब्बत तो दिल से होती है ,
सूरत उनकी खुद ब खुद अच्छी लगने लगती
जिनकी कद्र दिल में होती है..!!
मुझे किसी से मोहब्बत नही सिवा तेरे,
मुझे किसी की ज़रूरत नही सिवा तेरे,
मेरी नज़र को थी तलाश जिस की बरसों से,
किसी के पास वो सूरत नही सिवा तेरे,
जो मेरे दिल और मेरी ज़िंदगी से खेल सके,
किसी को इतनी इजाज़त नही सिवा तेरे|
तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूरसे देखते,
नज़दीक से देखने का हक बस हमारा होता|
तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है,
तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,
खूबसूरती की इंतेहा है तू...
तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ पर….
सो जाऊँ तो उठा देती हैं जाग जाऊँ तो रुला देती हैं…
.मेरी खामोशी देख कर मुझसे ये जमाना बोला कि.....
तेरी संजीदगी बताती है कि तुझे हंसने का शौक था कभी
तुम और चांद , मेरे लिए एक जैसे हो ,
देख तो सकते है पर तुम्हें पा नहीं सकते ।
.सिलसिला यूं ही चलने दो शायरी का , हम भी तो देखें ..
कब तक मेरे अल्फ़ाज़ तेरे दिल तक नही पहुंचते.
ठान लिया था कि अब और इश्क पर नहीं लिखेंगे..
पर उनकी दिल पर दस्तक हुई और
अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे….
न जाने क्या #मासूमियत है तेरे #चेहरे पर,
तेरे #सामने आने से #ज़्यादा तुझे #छुपकर ,
देखना #अच्छा लगता है......💕💞
*मोहब्बत ज़िन्दगी के फैसलों से*
*लड़ नहीं सकती...!*
*किसी को खोना पड़ता है,*
*किसी का होना पड़ता है...... !!.🎭*
*💞💞तुम गुज़ार ही लोगे ज़िन्दगी, हर फन में माहिर हो...!!!*
*💞💞पर मुझे तो कुछ भी नहीं आता, तुम्हे चाहने के सिवा...!!!*
खुबसूरत इशारों में आप हम पर अपना हक जता देते है..!!आप मेरे नही होते...पर हमे अपना बता देते है..#shayri
💔💕#लिखना था कि
खुश हैं तेरे बगैर भी यहां हम,
मगर कमबख्त...
आंसू हैं कि कलम से
पहले ही चल दिए
सुना सुना के कहानी थकी ज़ुबाँ मेरी।
करूँ मैं प्यार ये औक़ात है कहाँ मेरी।।
मैं मुफ़लिसी में गुज़ारा किये हूँ दिन अपने।
न देखता है कोई राह अब यहाँ मेरी।।
निगाह पोछ के शामिल हुये ज़हाँ में जब।
सुकूँ में कुछ तो लगे,आज अब ये जाँ मेरी।।
न ग़म पसंद मिलेगा कहीं ज़माने में।
तभी खुशी की चली ख़ूब ये दुकाँ मेरी।।
बड़े जी होते हैं कुछ रिश्ते ख़ून से ज्यादा।
जुड़ी भरी है उन्हीं से जी दास्ताँ मेरी।।
वही गली है वही घर हैं पर नदारद कुछ।
सुनेगा अब न कोई भी यहाँ फुगाँ मेरी।।--रोना/चिल्लाना
अकेला आज"बिसरिया" हुआ है दुनिया में।
मुझी पे भारी पड़ी है कशाँ-कशाँ मेरी।।--ज़बरदस्ती
उसको भी हमसे मोहबबत हो जरूरी तो नही
इश्क ही इश्क की कीमत हो जरूरी तो नही ।
वक़्त गुज़र जाता है .... कहते हैं लोग
वक़त नहीं गुज़रता,गुज़र जाते हैं लोग
तुमसे बिछड़कर, जिन्दगी को जीना,
अजीब-सा लगता है |
जिन्दगी का हर कोना,
खाली-खाली सुनसान-सा लगता है |
पता नहीं,
क्यूँ दिन में भी वीरानगी-सी लगती है |
पता नहीं,
क्यूँ रात में भी महफ़िल-सी सजती है |
चन्द शेर निकल आते हैं,
गम से डुबे हुए |
अपने को ही सुना लेते हैं,
तुम में डुबे हुए |
यूँ ही गलियाँ नापते हैं,
यूँ ही सड़कें नापते हैं |
कहीं किसी पुलिया पर,
अपने में ही झांकते हैं |
चेहरा सामने होता है,
दिमाग ठण्डा होता है |
आखें तुम्हें देखती हैं,
पलकें न अब झेप्ति हैं |
रोज़ का किस्सा यही होता है |
जमाना मुझ पर हँसता है |
मेरा अपना मुझ पर रोता है |
क्यूँ जिन्दगी यूँ खोता है |
क्या करें, अब तुझे,
यूँ भुलाया नहीं जाता |
किसी और को,
तेरी जगह लाया नहीं जाता |
अब तो गम छिपा लेते हैं,
ज़माने के काम हम भी आ लेते हैं |
चेहरे से सारे दिन हँस लेते हैं,
रात को दिल खोलकर रो लेते हैं |
क्यूँ जाहिर करें,
अपने गम जिन्दगी के |
बहाने ढूढते हैं,
ज़माने को खुश करने के |
तुमसे बिछड़कर,
जिन्दगी को जीना, अजीब-सा लगता है |
जिन्दगी का हर कोना,
खाली-खाली सुनसान-सा लगता है |
.
#बेखबर, #बेवजह #बेरुखी ना किया कर.........!!
कोई #टूट जाता है तेरा #लहजा बदलने से.........!!!
*"लब" तो खामोश रहेंगे...ये "वादा" है मेरा..."तुमसे".....*
*अगर "कह" बैठी...कुछ "निगाहें"...तो "खफा" मत होना.......*
तेरी बाहों से लिपटने को जी चाहता है,
खूबसूरती की इंतेहा है तू...
तुझे ज़िन्दगी में बसाने को जी चाहता है।
अजीब जुल्म करती हैं तेरी यादें मुझ पर….
सो जाऊँ तो उठा देती हैं जाग जाऊँ तो रुला देती हैं…
.मेरी खामोशी देख कर मुझसे ये जमाना बोला कि.....
तेरी संजीदगी बताती है कि तुझे हंसने का शौक था कभी
तुम और चांद , मेरे लिए एक जैसे हो ,
देख तो सकते है पर तुम्हें पा नहीं सकते ।
.सिलसिला यूं ही चलने दो शायरी का , हम भी तो देखें ..
कब तक मेरे अल्फ़ाज़ तेरे दिल तक नही पहुंचते.
ठान लिया था कि अब और इश्क पर नहीं लिखेंगे..
पर उनकी दिल पर दस्तक हुई और
अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे….
न जाने क्या #मासूमियत है तेरे #चेहरे पर,
तेरे #सामने आने से #ज़्यादा तुझे #छुपकर ,
देखना #अच्छा लगता है......💕💞
*मोहब्बत ज़िन्दगी के फैसलों से*
*लड़ नहीं सकती...!*
*किसी को खोना पड़ता है,*
*किसी का होना पड़ता है...... !!.🎭*
*💞💞तुम गुज़ार ही लोगे ज़िन्दगी, हर फन में माहिर हो...!!!*
*💞💞पर मुझे तो कुछ भी नहीं आता, तुम्हे चाहने के सिवा...!!!*
खुबसूरत इशारों में आप हम पर अपना हक जता देते है..!!आप मेरे नही होते...पर हमे अपना बता देते है..#shayri
💔💕#लिखना था कि
खुश हैं तेरे बगैर भी यहां हम,
मगर कमबख्त...
आंसू हैं कि कलम से
पहले ही चल दिए
सुना सुना के कहानी थकी ज़ुबाँ मेरी।
करूँ मैं प्यार ये औक़ात है कहाँ मेरी।।
मैं मुफ़लिसी में गुज़ारा किये हूँ दिन अपने।
न देखता है कोई राह अब यहाँ मेरी।।
निगाह पोछ के शामिल हुये ज़हाँ में जब।
सुकूँ में कुछ तो लगे,आज अब ये जाँ मेरी।।
न ग़म पसंद मिलेगा कहीं ज़माने में।
तभी खुशी की चली ख़ूब ये दुकाँ मेरी।।
बड़े जी होते हैं कुछ रिश्ते ख़ून से ज्यादा।
जुड़ी भरी है उन्हीं से जी दास्ताँ मेरी।।
वही गली है वही घर हैं पर नदारद कुछ।
सुनेगा अब न कोई भी यहाँ फुगाँ मेरी।।--रोना/चिल्लाना
अकेला आज"बिसरिया" हुआ है दुनिया में।
मुझी पे भारी पड़ी है कशाँ-कशाँ मेरी।।--ज़बरदस्ती
उसको भी हमसे मोहबबत हो जरूरी तो नही
इश्क ही इश्क की कीमत हो जरूरी तो नही ।
वक़्त गुज़र जाता है .... कहते हैं लोग
वक़त नहीं गुज़रता,गुज़र जाते हैं लोग
तुमसे बिछड़कर, जिन्दगी को जीना,
अजीब-सा लगता है |
जिन्दगी का हर कोना,
खाली-खाली सुनसान-सा लगता है |
पता नहीं,
क्यूँ दिन में भी वीरानगी-सी लगती है |
पता नहीं,
क्यूँ रात में भी महफ़िल-सी सजती है |
चन्द शेर निकल आते हैं,
गम से डुबे हुए |
अपने को ही सुना लेते हैं,
तुम में डुबे हुए |
यूँ ही गलियाँ नापते हैं,
यूँ ही सड़कें नापते हैं |
कहीं किसी पुलिया पर,
अपने में ही झांकते हैं |
चेहरा सामने होता है,
दिमाग ठण्डा होता है |
आखें तुम्हें देखती हैं,
पलकें न अब झेप्ति हैं |
रोज़ का किस्सा यही होता है |
जमाना मुझ पर हँसता है |
मेरा अपना मुझ पर रोता है |
क्यूँ जिन्दगी यूँ खोता है |
क्या करें, अब तुझे,
यूँ भुलाया नहीं जाता |
किसी और को,
तेरी जगह लाया नहीं जाता |
अब तो गम छिपा लेते हैं,
ज़माने के काम हम भी आ लेते हैं |
चेहरे से सारे दिन हँस लेते हैं,
रात को दिल खोलकर रो लेते हैं |
क्यूँ जाहिर करें,
अपने गम जिन्दगी के |
बहाने ढूढते हैं,
ज़माने को खुश करने के |
तुमसे बिछड़कर,
जिन्दगी को जीना, अजीब-सा लगता है |
जिन्दगी का हर कोना,
खाली-खाली सुनसान-सा लगता है |
.
#बेखबर, #बेवजह #बेरुखी ना किया कर.........!!
कोई #टूट जाता है तेरा #लहजा बदलने से.........!!!
*"लब" तो खामोश रहेंगे...ये "वादा" है मेरा..."तुमसे".....*
*अगर "कह" बैठी...कुछ "निगाहें"...तो "खफा" मत होना.......*
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